Bharatiya Sanskruti(भारतीय संस्कृति) एक गहरी और बहुआयामी परंपरा है, जो हजारों वर्षों में विकसित हुई है। यह दर्शन, कला, विज्ञान और आध्यात्मिकता का अनूठा सम्मिलन है, जो लोगों के जीने, सोचने और दुनिया से जुड़ने के तरीके को आकार देती है। भारतीय संस्कृति ज्ञान, बुद्धिमत्ता और प्रकृति के साथ सामंजस्य की महत्वपूर्णता को रेखांकित करती है।
इसमें जीवन के लिए एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कई आविष्कार, खोजें और प्रथाएँ हैं जो आज भी प्रासंगिक हैं। गणित, खगोलशास्त्र और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में भारतीय संस्कृति के योगदान ने वैश्विक सभ्यता की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आधुनिक विश्व की प्रगति के संदर्भ में भारतीय संस्कृति के वैज्ञानिक और दार्शनिक आधार वैश्विक विकास और सतत प्रगति को बढ़ावा देने के लिए मूल्यवान दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं।
Bharatiya Sanskruti, 1895 में Baigyanik शिवकर बापूजी तलपड़े ने चौपाटी बीच के ऊपर जहाज उडा के दिखाया था |
हम आज दुनिया के यंगेस्ट देश हैं | यह सत्य है परिपूर्ण सत्य नहीं है | पूर्ण सत्य है की हम यंगेस्ट देश और मोस्ट असिएंट सिविलाइजेशन | इसलिए हमारे पास ज्ञान का निरंतर सनातन स्रोत है | और एक नया भविष्य की संभावना है | और यहां पर पुराना बात बता दी मॉडर्न टाइम में क्या है | तो मैं मॉडर्न टाइम में भी बताना चाहता हूं | बहुत से ऐसे फैक्टर जो हमें पता है | पर यह तंत्र में स्व का अभाब होने से हम भूले हुए हैं |
यह बताइए एरोप्लेन बनाया राइट ब्रदर्स ने | पर क्या 1895 में शिवकर बापूजी तलपड़े ने चौपाटी बीच के ऊपर जहाज उडा के नहीं दिखाया था | यह ठीक है की हम गुलाम थे | हम पेटेंट नहीं कर सकते थे | उन्होंने बहुत से नेताओं संपर्क किया था | मैंने पुस्तक पढ़ा था की महादेव गोविंद रानाडे से भी संपर्क किया था | तो उन्होंने सिर्फ ये कहा था की मैं आपको लंदन भेज सकता हूं | जहां आप अंग्रेज वैज्ञानिकों के साथ डिस्कस करें जिसके लिए वो तैयार नहीं थे | और लोगों ने उसे समय उसको जादू टोना माना था | की कोई चीज उडा के दिखा दी |
Bharatiya Sanskruti, Baigyanik जगदीश चंद्र बोस, सी. भी रमन, हरगोविंद खुराना |
चलिए ये बताइए मार्कोनी ने पहला सिग्नल बनाया था | पर वायरलेस तो जै. सी बॉस ने भी उसी समय खोज ली थी | पेटेंट हमारा नहीं हो पाया | एडिसन इलेक्ट्रिसिटी बनाई | जगदीश चंद्र बोस ने भी इलेक्ट्रिसिटी खोजी थी पेटेंट हमारा नहीं हो पाया | सी. भी रमन ने सबसे पहले समुद्र नीला क्यों दिखता है बताये थे | तो यह लोग कहते थे की आकाश का रिफ्लेक्शन है इसलिए नीला दिखता है | पर रमन इफेक्ट ने बताया की स्कैटरिंग करते समय सबसे ज्यादा स्कैटरर्ड नीला रंग होता है | इसलिए नीला दिखता है | उनको फिजिक्स का नोबेल प्राइस मिला |
तो ये कहा जाता है, ही वाज फर्स्ट इंडियन तू गेट अन नोबेल प्राइस ऑफ फिजिक्स | दिस इस नॉट डी फुल ट्रुथ | डी ट्रुथ इस ही वाज डी फर्स्ट नॉन यूरोपियन नॉन व्हाइट तू गेट नोबेल प्राइज इन एनी ब्रांच ऑफ फंडामेंटल साइंस |
अब आप आइए निर्जीव विज्ञान के बाद हम संजीव विज्ञान में आए | तो जीन चाहिए , जीन का मॉडल 1967 में बनाया व्हाट्सएप एंड क्रिक ने और उनके साथ कौन था , हरगोविंद खुराना, उनको भी नोबेल पुरस्कार मिला | तो जींस में भी हम उसी के समान आ गए थे | अगली चीज लिए अगर आप अभी जिसका उल्लेख किया गया | 21वीं सदी की अभी की सबसे बड़ी खोज क्या है हिक्स बोसॉन इसको गोड पार्टिकल कहते हैं | यह दो scientist के नाम पर है इंग्लैंड के पीटर हिक्स | और बोसॉन शब्द भारत के सत्येंद्र नाथ बोस के नाम पर है | जिन्होंने इसकी अवधारणा दी थी | पहले इसका अर्थ क्या हो गया आधुनिक विज्ञान के भी हर कदम के ऊपर हमारे पुरी छाप दिख रही है |
Bharatiya Sanskruti,हमारा यहां बहुत सारी चीफ बड़ी-बड़ी मल्टी नेशनल्स के हैं |
पर स्व का तत्व का ऐसा अंधकार का अभ्यास है की हम उसे नहीं देखना चाहते | अब हम कंप्यूटर में देखें तो अगर हम इसमें कहें तो आज माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ भी हमारा है | गूगल का सीईओ हमारा है | पेप्सी की सीईओ हमारी है | अगर आप देखें तो जो सिटी बैंक का सीईओ हमारा था | एक बार एक पाकिस्तान के पत्रकार के साथ हमारा टीवी बहस हो रही थी | और उन्होंने कहा की आप जो है आप लोग इसलिए करते हैं | आपका लोग बड़े-बड़े कंपनी का सीईओ है तो आप लोग गूगल को मैनेज कर लेते हैं | क्योंकि उसे जमाने में एक एक बात चली थी की आप भिखारी टाइप करिए गूगल पर तो इमरान खान की फोटो आ जाती थी | तो उन्होंने कहा की सुंदर पिचाई गूगल का चीफ है और वो इंडियन है |
इसलिए इन्होंने मैनेज कर रखा है | तो हमारा प्रतियोगी कहैं की मैडम आपसे गलती हो रही है | हमारे सिर्फ एक चीफ नहीं है | हमारा बहुत सारी चीफ बड़ी-बड़ी मल्टी नेशनल्स के यहां हैं | 75 साल पहले हम स्वतंत्र हुए और वो और घोषित रूप से परतंत्र हो गए | तो वो कहां पहुंचे उनके यहां भी बहुत सारे चीफ हैं | लसकर तैबा का चीफ जैसे मोहम्मद के चीफऔर alqayda का चीफ | तो यह दोनों की धारा अलग-अलग हुई | और इतना ही नहीं एक और बात समझिए | सिर्फ हम सांसारिक रूप से ही आगे आने की क्षमता नहीं रखते हैं | एक और फैक्ट देता हूं हमने से तो बहुत लोगों को नहीं ध्यान होगा |
Bharatiya Sanskruti से जोड़ी डच ईस्ट इंडिया कंपनी, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी है |
ये जो कंपनी है जैसे की गुजरात मतलब व्यापार का बड़ा क्षेत्र है | पब्लिक इश्यू इशू करने वाली दुनिया की पहली कंपनी कौन थी | यह सैन 1600 कुछ की बात है | इट वाज डच ईस्ट इंडिया कंपनी | वर्ल्ड के ट्रेड पर अगर सबसे बड़ा हिस्सा दुनिया में ऑल टाइम इन डी हिस्ट्री | किसी एक कंपनी का रहा है | तो 50% ऑफ ग्लोबल ट्रेड कंट्रोल किया है | ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी है | दोनों में इंडिया है | और इतना ही नहीं अमेरिका में 1840 और 50 के दशक में जब अमेरिका वर्तमान स्वरूप में आया | तो ईस्ट कोस्ट से बेस्ट कोस्टा के सड़क बनाई जा रही थी |
यानी सैन फ्रांसिस्को लॉस एंजिल्स बेड से वॉशिंगटन तक | जिसको लेकर एक बहुत डिस्कशन हुआ | इतना पैसा खर्च करने की क्या जरूरत है | तो बकायदा वहां पर उत्तर दिया गया सरकार के द्वारा | कि ए इसलिए जरूरी है की पूर्वी रास्ते से भारत से व्यापार करने का रास्ता अंग्रेजों के कब्जे में है |और वो हमें व्यापार नहीं करने देंगे | और इसलिए हमें पश्चिम के रास्ते से भारत से व्यापार करना होगा | तो भारत से जो व्यापार होगा वो पश्चिमी तट पर आकर वो समान उतरेगा | उसके लिए इन सड़क और रेल मार्ग की जरूरत है |और भारत से व्यापार की बगैर हमारी उन्नति नहीं हो सकती | इसलिए अमेरिकन हिस्ट्री में उसे कहा जाता पैसेज तू इंडिया |
चीन की कल्चरल अमेरिका की कॉलोनी बन गया है |
यह हमारा बिल्कुल जैसे कहते हैं की | जिसको आप वर्तमान समय कहते हैं ना की साहब मैटेरियलिस्टिक वर्ड में | और पूर्व में जो इंडोनेशिया है ये नेशिया वर्ड ग्रीक का है | इसका अर्थ होता दीप |और इंडो का मतलब भारतीय | इतना बड़ा इंपैक्ट दुनिया में किसी देश के पास है, नहीं है | तो मटेरियल वर्ल्ड में भी हमने इतना प्राप्त किया है | और उस मटेरियल वर्ल्ड के साथ हमारा कनेक्शन कैसे है | देखिए मटेरियल वर्ल्ड में बहुत प्राप्त कर ली है | दुनिया में हांगकांग, ताइवान, सिंगापुर, मकाउ पावरफुल लहरी है | चीन ने भी बहुत प्राप्त किया है | पर किया क्या है | मैं ईमानसे कहता हूं की चीन ने आज इकोनॉमी ग्रोथ बहुत की है मिलिट्री ग्रोथ भी की है
अब इंटेलेक्चुअल ग्रोथ भी कर रहा है | मगर कल्चरल अमेरिका की कॉलोनी बन गया है | क्योंकि वहां का यूथ सिर्फ एक अच्छी नौकरी पाओ,डिस्को में झूमो, उसके बाद बर्गर खाओ और उसी में घूम घूम ता हुआ रह रहा है | कहां गई वो चाइनीस सभ्यता, वो समाप्त हो गई | इसलिए हम यह कहना चाहते हैं | की हम जब अपने स्वाद के साथ उभरेंगे | तो दुनिया को एक अलग प्रकार का संदेश देते हुए आएंगे | क्योंकि हम किसी को डोमिनेट करने के लिए नहीं आ रहे हैं |
Bharatiya Sanskruti, हम पूरे वर्ल्ड को मोटिवेट करने के लिए आ रहे हैं |
यह हमारे तत्व का अधिष्ठान है | और यह जब उभर के सामने आएगा | तो उसका मूल कारण जानते क्या, सारा का सारा स्रोत कहां से आता है | साफ सबको पता होगा की जब महात्मा गांधी से ह्यूमन राइट्स की बात कही गई तो उन्होंने लिखा था | माय इलिट्रेट बट वाइज मदर हैज टोल्ड मी डी इफ यू वांट तू इंश्योर एवरीबॉडी इस ह्यूमन राइट इन माइ ओपिनियन देर आर नो फंडामेंटल ह्यूमन राइट देयर कैन ओनली बी डी फंडामेंटल ड्यूटीज | बट वो इलिटरेट बट वाइस मदर ने कैसे बताया वो सारी ड्यूटीज कहां है | भगवान राम की कथा देख लीजिए सबका सबके साथ सिर्फ कर्तव्य है |
भाई भाई का कर्तव्य, पिता पुत्र का कर्तव्य, पति-पत्नी का कर्तव्य, राजा प्रजा का कर्तव्य,और परिवार के अंदर सब जगह सिर्फ कर्तव्य ही कर्तव्य है bharatiya Sanskruti में | आप किसी धर्म मजहब के मानने वाले हो | अपने घर में क्या चाहते हो चार भाई हो | उनमें ऐसा प्रेम हो की एक दूसरे के साथ बन में जानेको तैयार हो | तीशरे खड़ाऊ रख के शासन करने को तैयार हो | और आपके एक बचन पर आपके बीटा हो या बेटी सारी संपत्ति छोड़ने को तैयार हो |यह राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न की कहानी रामायण की |
तुझसे तो कहीं अच्छे हैं काफिर हिंदू जो अपने मरे हुए पूर्वजों को भी पानी देते हैं |
या फिर दूसरी परंपरा में एक चार भाई हैं शूज ,मुराद, दौरा और औरंगज़ेब की कहानी | एक बाकी तीन को कत्ल कर दे | बुढ़ापे में बापको जेल में डाल दें | और हमारा सनातन में पूर्वजों, पितृपुरूसो को श्राद्ध दिआ याता है | तो यह भी कहना चाहता हूं की जिस जमाने में शाहजहां को उसने जेल में रखा था | तो पानी और अनाज भी वो कैलकुलेट करके देता था | तो शाहजहां ने कहा तू अनाज मुझे नहीं देता, कम से कम मेरा पानी की क्वांटिटी बढ़ा दे | तो उसने बढ़ाने से मना कर दिया था | तो शाहजहां ने फारसी में कविता लिखी थी | जिसमें इसने लिखकर भेजा था की तू जिंदा बाप को पानी के लिए तरसा रहा है |
तुझसे तो कहीं अच्छे हैं काफिर हिंदू जो अपने मरे हुए पूर्वजों को भी पानी देते हैं | तो आप सोचिए की हमारी सोच सिर्फ वर्तमान में नहीं है लंबे समय तक पीछे जाती है | और अब यह वर्ल्ड की डिप्लोमेसी को कैसे प्रभावित करती है |आज पूरे विश्व में देखिए, क्या करना चाहता है यूक्रेन का रसिया एनेक्सेशन, दूसरा है सबजुगेशन तीसरा है डोमिनेशन | यानी या तो मिला लो अपने में | या पड़ोस रूप से उसे पे शासन करो | या उसको किसी ट्रिकी का हिस्सा बना कर उसका शोषण करो | ये तीन चीज हैं |
हनुमान जी की तरह हम अपनी शक्ति भूले हुए हैं |
पहले बताइए भगवान राम ने जब लंका जीता था तो क्या एनेक्सेशन किया था, नहीं | उन्होंने क्या उसका सबजुगेशन किया | अपना कोई डिप्टी अप्वॉइंट किया, नहीं या कोई डोमिनेशन किया, कोई कॉन्ट्रैक्ट साइन कराया नहीं | धर्म का प्रचार करो अपने धर्म की स्थापना करो बस | जो भगवान कृष्ण गीता में कहा स्व धर्मे निर्धनाम स्रयो पर धर्मों भयावह | तो पूरे वर्ल्ड में हम ही जवाब देंगे की परिवार के अंदर भाई बहन के बीच की सौहार्द से लेकर | विश्व में राष्ट्रों के बीच का सौहार्द सिर्फ हम ही दे सकते हैं |
और जिस संस्कृति को आप यह कहकर लाँछित करते हैं |उसकी अंदर वह सारी चीज हैं मगर अभी कभी-कभी ए सोंच के दुःख होता है हमारे अंदर बहुत शक्ति है | पर हनुमान जी की तरह हम अपनी शक्ति भूले हुए हैं | और कुछ कलनेमी ऐसे हैं जो यह चाहते हैं की शक्ति याद नहीं आणि चाहिए | पर अब धीरे धीरे शक्ति याद आने लगी है | तो हमारी शक्ति क्या थी की हमने समुद्र के ऊपर सेतु बनाया था | आकाश से गंगा उतरी थी सोने की लंका थी , मारीऔ का महल था यह सब हमारे लिए तुच्छ था |
क्योंकि Bharatiya Sanskruti में हम अंदर की यात्रा करते थे |
यह शक्ति को अमृत काल में हमें भारत को भबितब तक पहुंचाना | Bharatiya Sanskruti भबितब तक कैसे पहुंचेगी,तीन चीज है | शक्ति , विद्या , और करुणा भी | जो करुणा के ततो है | जो भारत के शक्ति बो क्या है | एक प्रसिद्ध कविताएं हिंदू जीवन रग-रग हिंदू मेरा परिचय आपको याद होगी | तो पहले तो आवश्यकता पड़ने पर क्या है की |
मैं शंकर का आभा क्रोधानल कर सकता जगती छार-खार | में डमरू की प्रलयंकर ध्वनि नाचता जिसमें भीषण संहार | में रणचंडी की अतृप्त प्यास में दुर्गा का उन्मुक्त हास | में यम की प्रलय कर पुकार जलते मरघट का धुआंधार | निरन्तर तारतम की ज्वाला से जगती में आग लगा दूँ मैं | यदि धड़क उठे विप्लव लेकर जल थल अंबर जड़ चेतन तो कैसा बिस्मय | हिंदू तन मन हिंदू जीवन रंग रंग हिंदू मेरा परिचय | शक्ति तो हमारी यह है | की संपूर्ण विश्व का हम संघार कर सकते हैं |
पर Bharatiya Sanskruti विश्व को देना क्या चाहते हैं |
मैं अखिल विश्व का गुरु महान, देता विद्या का अमर दान | मैंने दिखलाया मुक्ति मार्ग मैंने सिखलाया ब्रह्म ज्ञान | मेरे वेदों का ज्ञान अमर मेरे वेदों की ज्योति प्रखर | मानव के मन का अंधकार क्या कभी सामने सके ठहर | मेरे सर नव में गैहर गैहर सागर के जल में छहर छहर | इस कोने से उसे कोने तक कर सकते जगदीश सौरभ मय |हिंदू तन मन हिंदू जीवन रंग रंग हिंदू मेरा परिचय | मैं अंत में कहता हूं हम वर्ल्ड को राइज करेंगे तो किसलिए |
होकर स्वत्रंत मैंने कब चाहा में करलूं सबको गुलाम | मैंने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम | गोपाल राम के नाम पर कब मैंने अत्याचार किया | कब दुनिया को हिंदू करने घर-घर में नरसंहार किया | कोई बतलाए कोई बतलाए काबुल में जाकर कितनी मस्जिद तोड़ी | भू भाग नहीं शत शत मानव के हृदय जितने का निश्चय | हिंदू तन मन हिंदू जीवन रंग रंग हिंदू मेरा परिचय | अब इसी बाक्य के साथ समाप्त करता हूँ | कि गौरवशाली था भुत, भबिस्यत भी महान हे, अगर आप संभाले उसे जो बर्तमान हे | आर्टिकल अच्छा लगेतो लाइक करे ,दोस्तों,परिबार ,रिलेटिव के साथ शेयर करे |
Part1:- Bharat ka swatantrata aur swadhinata ka swo kya hai ?
Part2:-Bharatiya Adhyatmikta Bapsi hoga Jab swo ku Pehechanenge.
Part3:-Bharatiya Baigyanikata, Adhyatma aurVideshi Manasikata.

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